
1. 11 हजार से अधिक 100 वर्ष के लाभार्थी |
2. केंद्र सरकार का भौतिक सत्यापन का आदेश |
3. राशन वितरण प्रणाली में पारदर्शिता का प्रयास |
वन्दे भारत लाइव टीवी न्यूज़ संवाददाता: सकेन्द्र बैठा
रांची। जनगणना नहीं होने का फायदा अगर किसी को मिल रहा है तो वह समूह है पीडीएस दुकानदारों का। इन दुकानदारों ने ऐसे अनगिनत कार्डधारी तैयार कर लिए हैं, जो प्राथमिक तौर पर फर्जी प्रतीत होते हैं। मसलन उम्र का सैकड़ा लगा चुके कार्डधारियों को ही लें। लगभग 11 हजार ऐसे उपभोक्ता झारखंड के जनवितरण प्रणाली की दुकानों में निबंधित हैं।
हालांकि एक सर्वे रिपोर्ट के अनुसार देश में सौ की उम्र से अधिक के लोगों की संख्या महज 15 हजार के करीब है। ऐसे में सवाल उठता है कि अकेले झारखंड में 11 हजार उपभोक्ता कैसे हो सकते हैं। हजारों की संख्या में ऐसे लोग भी हैं, जिन्होंने कभी राशनकार्ड के लिए आवेदन ही नहीं किया। ऐसे लोगों को जोड़ दें तो आंकड़े को अनुमान लगाना भी मुश्किल है।
दरअसल, केंद्र सरकार के निर्देश के बाद राज्य सरकार उन नागरिकों की पहचान और सत्यापन में जुटी है, जिनकी उम्र दस्तावेज के अनुसार 100 वर्ष से अधिक है। ये नाम अब भी राशन कार्ड में दर्ज हैं, जबकि जनगणना आंकड़ों से इनकी संख्या मेल नहीं खा रही।
हाल ही में केंद्र सरकार ने निर्देश जारी किए हैं कि 100 वर्ष से अधिक उम्र वालों का भौतिक सत्यापन किया जाए। इस प्रक्रिया में यह पता लगाया जाएगा कि वे लोग जीवित हैं या नहीं। जो व्यक्ति मृत पाए जाएंगे, उनके नाम राशन कार्ड से हटा दिए जाएंगे। यह कदम फर्जी लाभार्थियों की पहचान कर सिस्टम को पारदर्शी बनाने के लिए उठाया गया है।
सरकार इस पहल के जरिए राशन वितरण प्रणाली को और अधिक सटीक बनाना चाहती है। झारखंड में शुरुआती आंकड़े व्यवस्था के प्रति निराशा पैदा करते हैं। जांच में स्पष्ट तौर पर उभरकर यह बात सामने आ रही है कि बड़े पैमाने पर फर्जी नाम जोड़े गए थे। अब इन नामों को हटाया जा रहा है।
उम्र 18 से कम लेकिन राशनकार्ड जारी
झारखंड में ऐसे उपभोक्ताओं की संख्या भी हजारों में है, जिनकी उम्र 18 से कम है और उनके नाम पर राशनकार्ड आवंटित है। ऐसा होने के पीछे सामान्य तौर पर कुछ गलत नहीं है। कई बार किसी घटना में परिवार के सभी लोगों की मौत हो जाने के बाद एकमात्र बचे बच्चे के नाम पर राशनकार्ड आवंटित किया जाता रहा है, लेकिन झारखंड में इनकी संख्या भी अधिक है। इसकी भी अलग से पड़ताल हो रही है।